‘सात साल बाद चीन पहुंचे पीएम मोदी, एससीओ समिट में करेंगे कई मुलाकातें’

हुसैन अफसर
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात साल बाद चीन के दौरे पर पहुंचे हैं। इस दौरान वह तियानजिन में 31 अगस्त से 1 सितंबर तक आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। मोदी ने एक एक्स पोस्ट में अपनी यात्रा की जानकारी देते हुए कहा कि वह तियानजिन पहुंच चुके हैं और अब समिट की बैठकों और अन्य देशों के नेताओं से मुलाकात का इंतजार कर रहे हैं।

एससीओ समिट: भारत और चीन के संबंधों में एक नया मोड़?

प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा एक अहम समय पर हो रहा है, क्योंकि भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा विवाद के कारण तनाव बढ़ा हुआ है। हालांकि, चीन भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2022 में लगभग 127.7 अरब डॉलर का था।

प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पिछली मुलाकात पिछले साल रूस में हुई थी, लेकिन यह प्रधानमंत्री का चीन का पहला दौरा 2018 के बाद है। ऐसे में यह यात्रा दोनों देशों के रिश्तों में अहम कड़ी बन सकती है।

एससीओ समिट के दौरान द्विपक्षीय मुलाकातें

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस रिलीज़ के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी समिट के दौरान कई देशों के नेताओं से द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे, जो भारत के विदेश नीति और क्षेत्रीय सुरक्षा में अहम भूमिका निभाने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। भारत 2017 से शंघाई सहयोग संगठन का सदस्य है, और इस समिट में देश की भूमिका को मजबूती मिलेगी।

भारत-चीन व्यापार: रिश्तों का एक महत्वपूर्ण पहलू

चीन, भारत का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों ने कई चुनौतियों के बावजूद मजबूती दिखाई है। हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल चीन के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 127.7 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है, जो दर्शाता है कि आर्थिक संबंध अब भी मजबूत हैं।

क्या यह यात्रा सीमा विवाद को सुलझाने में मदद करेगी?

प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर स्थिति पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस यात्रा के दौरान भारत-चीन के रिश्ते किस दिशा में आगे बढ़ते हैं, खासकर जब दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव की स्थिति पहले भी बन चुकी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सात साल बाद चीन के दौरे पर पहुंचने से पहले सोशल मीडिया पर ‘तियानजिन का स्वागत है’ का पोस्ट किया और इस बार वे सिर्फ व्यापार बढ़ाने नहीं, बल्कि रिश्तों की गर्माहट भी बढ़ाने आए हैं! अब देखना होगा कि एससीओ समिट से कहीं सीमा विवाद का कोई हल निकलता है, या फिर मोदी और शी जिनपिंग के हाथ में सिर्फ व्यापारिक समझौते ही आने वाले हैं।

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